अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश जनजातीय संयोजक शक्ति शर्मा ने ब्यान जारी करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के महाविद्यालयों व विद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियां ना होने के कारण विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों के शिक्षण संस्थाओं में काफी लंबे समय से अध्यापकों के पद व गैर शिक्षक कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े हैं।
शक्ति शर्मा ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं। विद्यार्थी पूरा सालभर महाविद्यालय तो जा रहे हैं , परंतु शिक्षक न होने के कारण बिना कक्षाएं लगाकर घर आना पड़ रहा है, और अपनी शिक्षा को पूरा करने हेतु उन्हें बारी भरकम किराया दे कर के अपने क्षेत्र से दूर जा कर के अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ,विद्यार्थियों के माता-पिता दिन रात मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को महाविद्यालयों में प्रवेश दिला रहे हैं। लेकिन बिना शिक्षकों के महाविद्यालयों में पढ़ाई हो ही नहीं पा रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार जब सत्ता में आई तो व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया था, परंतु आज हम देखे तो वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को लाभ देने में बिल्कुल असफल हो गई है। हिमाचल प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षकों व गैर शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पा रही है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार व शिक्षा मंत्री से भी मांग की है कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षकों व गैर शिक्षकों की भर्ती जल्द से जल्द की जाएं। ताकि वहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रह पाए। उन्होंने कहा कि अगर जनजातीय क्षेत्रों के विद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षकों व गैर शिक्षकों की भर्ती जल्द न की गई, तो विद्यार्थी परिषद वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेगी।